हाँ, मैं बिहार हूँ, गर्वित हूँ, सुसज्जित हूँ, सृजित हूँ, धर्मपरायण हूँ, वीर हूँ, सुदृढ़ हूँ, ईश्वर नें मेरी बेहतरीन रचना कि है, हाँ, मैं बिहार हूँ... लहरों सा गतिमान, हिमालय सा खड़ा, अपनी संस्कृति और सभ्यता से परिलक्षित, सद्भाव, गौरव, हृदविशाल से उद्धरित हूँ, हाँ, मैं बिहार हूँ... वीर सपूत दिए, धार्मिक सद्भाव दिए, शिक्षा में अग्रसर, कर्मो से नभचर, असंभव को संभव, दुर्लभ को सुलभ करूँ, हाँ, मैं बिहार हूँ... संसाधन से परिपूर्ण, क्षेत्रों से सम्पूर्ण, विभिन्न जलवायु और उद्गम का पर्याय, आपसी प्रेम का अनुपम उदाहरण हूँ, हाँ, मैं बिहार हूँ...
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